प्रियतम जब तुम साथ हो, तो गम कैसा? प्रियतम जब तुम साथ हो, तो गम कैसा?
सुलझेंगी गुत्थी रिश्तों की होंगीं राह सुगम जीवन की। सुलझेंगी गुत्थी रिश्तों की होंगीं राह सुगम जीवन की।
धीरज धरो न बेचैन हो, मिलने की खातिर न ही अधीर हो। धीरज धरो न बेचैन हो, मिलने की खातिर न ही अधीर हो।
बालीबुड का असर पिताजी को डेड कहे, माता अब मोम बनी, पश्चिम का दौर है। बालीबुड का असर पिताजी को डेड कहे, माता अब मोम बनी, पश्चिम का दौर है।
उसी के संदर्भ के प्रतिकूल की, तस्वीर कोई भूल के भी मैं जोड़ता नहीं !! उसी के संदर्भ के प्रतिकूल की, तस्वीर कोई भूल के भी मैं जोड़ता नहीं !!
करके विभूति श्रृृंगार, मुण्डों का धारण करके हार । इस समय चक्र को बदलना है । करके विभूति श्रृृंगार, मुण्डों का धारण करके हार । इस समय चक्र को बदलना है ।